Saat Ghunghat Waala Mukhda (Hindi Edition)
Nagar, Amritlal
यह उपन्यास अठारवीं शताब्दी के प्रारम्भिक दौर में उत्तर भारत की राजनीति में जबरदस्त हलचल मचा देने वाली बेगम समरु के रहस्य और रोमांच से भरे जीवन पर आधारित है। जब औरतें पर्दे से से बाहर नहीं निकलती थीं, कोठे पर मुजरा करने वाली समरू ने एक यूरोपीय सेनानी को अपना दीवाना बनाकर शादी कर ली। समरू ने पति के साथ अपनी एक छोटी सी सेना खड़ी कर ली और बड़े-बड़े सूरमाओं को अपनी बहादुरी और रणकौशल से धूल चटा कर मेरठ के समीप सरदाना की गद्दी पर जा बैठी। सिर पर पगड़ी बांधे, घोड़े पर सवार होकर सेना का नेतृत्व करती वीरांगना....कल्पना कीजिये उस आश्चर्यचकित कर देने वाले दृश्य की।
년:
2011
출판사:
Rajpal & Sons
언어:
hindi
파일:
FB2 , 608 KB
IPFS:
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hindi, 2011